June 25, 2025
Bhinmal - Jalore (Raj)

चरवाहे की बेटी ने लिखी सफलता की कहानी, बनी भोपालगढ़ टॉपर

साधारण चरवाहे की बेटी, प्रीति देवासी ने भोपालगढ़ के नगरमगर गांव से 12वीं बोर्ड परीक्षा में विज्ञान संकाय में 97.80% अंक प्राप्त कर भोपालगढ़ टॉपर बनी हैं।
उनके पिता बकरियाँ चराते हैं और परिवार आर्थिक रूप से बहुत ही साधारण है।

भोपालगढ़ क्षेत्र की रासनियों ग्राम पंचायत के एक छोटे से गांव रामनगर सुथारों की ढाणी में रहने वाली इस होनहार छात्रा प्रीति देवासी के माता-पिता साधारण चरवाहा परिवार से ताल्लुक रखते हैं। सुबह से शाम तक बकरियों की देखभाल और घर के कार्य करते हुए प्रीति पढ़ाई में अव्वल रही। आर्थिक तंगी और सीमित संसाधनों के बावजूद, प्रीति ने मान-प्रतिष्ठा की ऊंचाईयों को छूने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

उनकी मां और पिता ने कड़ी मेहनत कर बेटी को पढ़ाया और बेटी ने भी अपने लक्ष्य को प्राप्त रखने प्रीति ने रोज सुबह स्कूल जाने से पहले बकरियों को चराने जंगल में ले जाना और लौटने के बाद पढ़ाई की।

प्रीति ने कड़ी मेहनत कर 12वीं विज्ञान वर्ग में 97.80 प्रतिशत अंक प्राप्त कर एक मिसाल कायम कर दी और सपने को पूरा कर दिखाया।

मेहनत और लगन से आए अंक:

होनहार प्रीति की दिनचर्या भी बेहद अनुशासित रही। वह सुबह समय से उठकर घर के छोटे-छोटे कार्यों में मां का हाथ बंटातीं और फिर स्कूल जातीं। स्कूल से लौटने के बाद दुबारा के अधिकांश बच्चे खेलने में व्यस्त हो जाते, लेकिन प्रीति अपनी किताबों में जुट जातीं। विज्ञान जैसे कठिन विषय को समझने के लिए उन्होंने केवल स्कूल के संचालक प्रधान देवेन्द्रप्रसाद के व्याख्यान सुनकर गहराई तक मार्गदर्शन लिया, बल्कि समस्याओं को समझने पर प्रश्न पूछे और प्रीति ने नियमित अध्ययन भी जारी रखा।

सुमेर गोदारा, व्याख्याता व प्रीति के गुरु

“प्रीति देवासी मेरी क्लास की सबसे होनहार बच्ची है और वह हर टॉपिक को समझे बिना कभी आगे नहीं बढ़ती थी। गणित, भौतिकी व रसायन विज्ञान जैसे कठिन विषयों में विद्यार्थियों की गहरी समझ जरूरी होती है और प्रीति में यह बेहतरीन गुण था। अन्यों में भी ऐसी सफलता व उसकी उपलब्धि प्रेरणादायक है।”

प्रीति देवासी के विचार:

“मेरा सपना है कि मैं एक दिन देश की प्रतिष्ठित वैज्ञानिक बनकर अपने गांव का नाम रोशन करूं।”

“मैंने कठिन हालात में भी पढ़ाई नहीं छोड़ी, और अपने सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष किया।”