June 25, 2025
Bhinmal - Jalore (Raj)

गुजरात के मेहसाणा जिले के तरभ गांव में स्थित श्री वालीनाथ महादेव मंदिर भगवान शिव का एक दिव्य और शक्तिशाली धाम है, जो न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि रबारी समाज की आत्मा और संस्कृति का प्रतीक भी है। यह मंदिर गुजरात के सबसे प्रसिद्ध और भव्य शिव मंदिरों में गिना जाता है।

पौराणिक पृष्ठभूमि

वालीनाथ महादेव के नाम के पीछे एक सुंदर कथा जुड़ी है। कहा जाता है कि एक बार भगवान शिव, भगवान श्रीकृष्ण की रासलीला में भाग लेने हेतु गोपी का रूप धारण कर रास में सम्मिलित हुए। जब श्रीकृष्ण ने उन्हें पहचान लिया, तो उन्होंने उनसे अपने वास्तविक स्वरूप में प्रकट होने का आग्रह किया। उस समय शिवजी ने अपने कानों में ‘बाली (कर्णफूल)’ पहन रखी थी, इसलिए श्रीकृष्ण ने उन्हें “वालीनाथ” कहकर संबोधित किया। उसी समय से भगवान शिव के इस रूप को “वालीनाथ महादेव” के नाम से पूजा जाने लगा।

 

संत परंपरा

इस मंदिर की स्थापना करीब 900 वर्ष पूर्व मानी जाती है। पहले महंत वीरमगिरि बापू माने जाते हैं, जिनसे इस पवित्र गादी की परंपरा शुरू हुई। अब तक कुल 14 महंतों ने इस गुरुगादी की सेवा की है। वर्तमान में महंत श्री जयरामगिरि बापू मंदिर की परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। यह मंदिर विशेष रूप से रबारी समाज के संतों के द्वारा संचालित होता आया है।

भव्य निर्माण कार्य

मंदिर का नवीनतम और भव्य निर्माण कार्य 2011 में शुरू हुआ और यह 13 वर्षों में पूर्ण हुआ। मंदिर का उद्घाटन और प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 फरवरी 2024 को भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में भव्य रूप से संपन्न हुआ। अब यह मंदिर गुजरात का सोमनाथ के बाद दूसरा सबसे बड़ा शिवधाम माना जाता है।

वास्तुकला और विशेषताएँ

गर्भगृह में भगवान शिव (वालीनाथ महादेव) के साथ दत्तात्रेय भगवान और हिंगलाज माता की प्रतिमाएँ भी विराजमान हैं।

मंदिर नागर शैली में निर्मित है।

निर्माण में बंसी पहाड़पुर के गुलाबी पत्थर का उपयोग किया गया है।

मंदिर की ऊंचाई – 101 फीट, लंबाई – 265 फीट, चौड़ाई – 165 फीट

कुल 68 सुंदर नक्काशीदार स्तंभ

निर्माण में लगभग 1.45 लाख घन फीट पत्थर उपयोग में लिया गया।

धार्मिक और सामाजिक योगदान

यह मंदिर सिर्फ पूजा का स्थान नहीं बल्कि समाज के लिए धार्मिक, सांस्कृतिक और सेवा का केंद्र है। रबारी समाज के अलावा अन्य जातियों के श्रद्धालु भी यहाँ बड़ी संख्या में दर्शन हेतु आते हैं। मंदिर में प्रत्येक वर्ष मेला, धार्मिक कथा, संत प्रवचन, भंडारा, और कई सामाजिक सेवाएं आयोजित होती हैं। यात्रियों के लिए रात्रि विश्राम, प्रसाद सेवा, और पेयजल व्यवस्था भी उपलब्ध कराई जाती है।

अन्य विशेषताएं

  • मंदिर परिसर में संगीत मंडप, यज्ञशाला, और ध्यान केंद्र जैसे कई अन्य स्थल भी बनाए गए हैं।
  • मंदिर के बाहर विशाल ध्वज स्तंभ और सुंदर पुष्प वाटिका श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है।
  • डिजिटल दर्शन की सुविधा के तहत ऑनलाइन लाइव दर्शन, ई-भक्त निवास बुकिंग, और सेवा दान की व्यवस्था भी उपलब्ध है।

 

वालीनाथ महादेव मंदिर, तरभ केवल एक शिवालय नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक ऊर्जा का धाम, रबारी समाज का गौरव, और गुजरात की धार्मिक पहचान है। इसकी भव्यता, श्रद्धा और सेवा का संगम इसे न केवल राज्य में, बल्कि पूरे देश में एक विशिष्ट स्थान प्रदान करता है।